टॉप बोरर (चोटी बोधक) गन्ने में लगने वाले इसके पुरूष कीट सफेद रंग के होते हैं और मादा कीट के पीछे नारंगी रंग रोयेदार बालों की संरचना लिए हुए होती है. इस कीट के लगने के बाद पत्तियां भूरी हो जाती हैं. इसके अलावा पत्तियों में छर्रे जैसे छेद पाए जाते हैं. टाप बोरर में कीट पत्तियों की गोभ में लगता है। फैलते हुए यह अगोले तक पहुंचता है और गन्ने की पोरियों की आंखों को क्षतिग्रस्त कर देता है। कुल मिलाकर गन्ने के उत्पादन, गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है और अगोला कम होता है। प्रबंधन नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से बचना चाहिए. स्वस्थ पौधों को नुकसान पहुंचाए बिना मृत पौधों को हटा दें और उन्हें मवेशियों को खिला दें।गन्ने के खेत में बुबाई से लेकर कटाई तक #भूसंजीवनी का प्रयोग 3 से4बार अवश्य करें।यह टॉप बोरर, पोका बोइंग, रेड रॉट, ग्रब आदि गंभीर समस्याओं को रोकता है। टॉप बोरर का प्रकोप होने पर #प्रोटेक्टर(थायोमेथोकसाम लेमडा ) की स्प्रे करें 3से। 5 दिन बाद #शमशीर की ड्रेनचिंग कर सिंचाई कर दें। इससे पौधा जहरीला हो जाएगा और पौधे के अगोला को टॉप बोरर खाएगा तो मर जाएगा।